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रचनात्मकता का महत्व

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गांधी जी हमेशा रचनात्मकता की ओर ध्यान आकर्षित किया है। रचनात्मक सोच एक ऐसी क्षमता है जिसका जन्म हर मानव को जन्म के समय से ही होता है। यदि आप उस क्षमता का उपयोग नहीं करते हैं, तो यह संभवतः इसलिए है क्योंकि आप इसे विकसित करने के लिए सरल सिद्धांतों को नहीं जानते है। इस सरल उपाय का उपयोग करके हम  अपनी रचनात्मक क्षमता को प्राप्त कर सकते है।  रचनात्मक क्षमता के दो मूल सिद्धांत होते है। 1. रचनात्मक सोच और उनके तरीके का तकनीक हैं। 2. इन तरीकों और तकनीकों को अपनी मानसिक आदतों का हिस्सा बनाना। एक उद्यमी किसी भी स्थिति में संभावित लाभ को देखता है, क्योंकि उसके दिमाग उसे उसी कार्य के लिए प्रशिक्षित करता है।  एक वकील संभावित समस्याओं को देखता है, क्योंकि वह अपने दिमाग को इसी कार्य के लियें प्रशिक्षित करते है। हम जो बार-बार सोचते हैं वह हमारी आदत बन जाती है। रचनात्मक सोच की तकनीकों को जानें बिना वह आदत नहीं बन सकती है। तब तक उनका उपयोग न करें, जब रचनात्मक सोच आपके लिए स्वाभाविक होगी तो ये आपकी आदत बन जायेगी।  झूठ बोलना एक राजनीतिज्ञ के लिए है मजबूरी हो जाता है। क्रिएटिव थिंकि

गया के सम्बोधि मंदिर और विष्णु पद मंदिर की यात्रा

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 बिहार राज्य का दूसरा बड़ा शहर गया है। सम्बोधि मंदिर और विष्णु पद मंदिर यहाँ के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। कुछ दिन पहले इन दोनों मंदिरों को बारिकियों से देखने का मौका मिला। मै इन मंदिरों को देखा और अध्ययन किया। सम्बोधि मंदिर में देश विदेश के पर्यटक और बौद्ध धर्मालंबी के सुव्यवस्थित और मनमोहक भीड़ थी। स्वस्थ वातावरण और शांतिपूर्ण माहौल मन को खुशनुमा बना रहा था तो वहीं विष्णु पद मंदिर में गंदगी और दुर्गंधमय वातावरण में किचकिच करती अव्यवस्थित भीड़ मन को विचलित कर रहा था। सम्बोधि मंदिर का मनमोहक दृश्य आत्मा को शांति प्रदान कर रहा था। बौद्ध भिक्षुओं का मुसकुराता चेहरा मन को प्रफुल्लित कर रहा था। तो वहीं विष्णु पद मंदिर में लोगों की आक्रोशित भीड़ मन को क्षुब्ध कर रहा था। पंडा की दादागीरी चरम पर थी। जहाँ कहीं भी पहुंचता पंडा का एक समुह घेर लेता था। कुछ मंत्र बुदबुदा कर टीका लगाता और फिर दक्षिणा के लिये परेशान करने लगता। दक्षिणा नहीं देने पर अशब्द भाषा का प्रयोग करता। मंदिर का कर्कश और दुर्गंधमय वातावरण में चाहकर भी दस मिनट बैठा नहीं जा सकता था। वहीं सम्बोधि के प्रांगण में कैसे घंटों बीत गया